Kabir Vani HindiPrachin Hindi Bhajan दुनिया दो दिन का है मेला | Duniya Do Din Ka Hai Mela Lyrics June 11, 2024 0 FacebookWhatsAppPinterest https://amzn.to/46sNAa0 दुनिया दो दिन का है मेला, जिसको समझ पड़े अलबेला। जैसी करनी वैसी भरनी, गुरु हो या चेला। सोने चांदी धन रतनों से, खेल आजीवन खेला, चलने की जब घड़ियाँ आई, संग नहीं चलेगा धेला। महल बनाया, किला बनाया, कह गयो मेरा मेरा, कहत कबीरा अंत समय सब, छोड़ देंगे अकेला। पांच पचीस भये हैं बराती, ले चल ले चल हो ली, कहत कबीरा बुरा नहीं मानो, ये गति सब की होनी। इस जग में नहीं कोई तेरा, ना कोई सगा सगाई, लोग कुटुम्ब मेरे कट गए, प्राणी जाए अकेला। Duniya Do Din Ka Hai Mela Lyrics Kabir Bhajan Lyrcis नारायण स्वामी क्रिष्ण भजन मीराबाई भजन शिव भजन कबीर भजन प्राचीन भजन नरसिंह महेता राम भजन गणेश भजन माता के भजन आरती धून Share this: